अयोध्या का इतिहास:- अयोध्या का इतिहास बहुत ही पुराना है l और इसका महत्व भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में बहुत उच्च है। Ayodhya को कौशल देश के नाम से भी जाना जाता है। जो प्राचीन काल से ही एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल रहा है। यहाँ ही हमारे पवित्र और पौराणिक ग्रंथ रामायण की रचना हुई थी, अयोध्या का सबसे प्रसिद्ध संबंध पौराणिक ग्रंथ रामायण से है, जिसमें भगवान राम का जन्म स्थान माना जाता है। अयोध्या का नाम रामायण के समय से ही प्रसिद्ध हो गया था। मनु ने अयोध्या की स्थापना की थी और इसे उसकी राजधानी बनाया था। Ayodhya का इतिहास उसकी सांस्कृतिक, धार्मिक, और ऐतिहासिक महत्वपूर्णता को प्रकट करता है, जिसने विभिन्न युगों में लोगों को आकर्षित किया है।
1. श्री राम जन्म भूमि :-
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श्रीराम जन्मभूमि हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसका संबंध प्रमुखता से भगवान राम के जन्मस्थल से है। यह स्थान Ayodhya, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। श्रीराम जन्मभूमि का महत्व भगवान राम के अवतार होने के कारण है, जो ‘रामायण’ महाकाव्य में प्रमुख पात्र हैं। Ayodhya में सोमवार 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई। भक्तों के लिए रामलला का मंदिर खोल गया है। अब मंदिर में जाकर रामलला के दर्शन करने के बाद आप Ayodhya के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के भी दर्शन कर सकेंगे l
राम लला की आरती का समय –
- मंगला आरती – सुबह 4.30 बजे
- शृंगार आरती – सुबह 6.30 बजे से 7.00 बजे तक
- भोग आरती – सुबह 11.30 बजे
- मध्यान्ह आरती – दोपहर 2.30 बजे
- संध्या आरती – शाम 6.30 बजे
- शयन आरती – रात 8.30 बजे से 9.00 बजे तक
2. हनुमान गढ़ी :-
हनुमान गढ़ी Ayodhya में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।इसमें हनुमान जी को समर्पित एक भव्य मंदिर स्थित है, जिसका अपना एक विशेष धार्मिक महत्व है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है l जो राम भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां पर हनुमान जी के इतिहास, कथाएं, और कृतियों से जुड़ी चीजें मिलती हैं, यह मंदिर पहले अवध के नवाब के पास था, जिन्होंने इसके निर्माण के लिए दान दिया था। जिसे 10 वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यहां पहुंचने के लिए यात्रीयों को 76 सीढ़ियों से चढ़ना पड़ता है।मंदिर में हनुमान जी की भव्य मूर्ति स्थापित है और यहां आने वाले भक्तों को धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
3. कनक भवन :-
कनक भवन अयोध्या में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थलो में से एक है l इस मंदिर की कहानी में कहा जाता है l की रानी कैकेयी ने कनक भवन को माता सीता को मुंह दिखाई में दिया था। कालांतर में कई बार इस मंदिर का निर्माण और जीर्णोद्धार होता रहा है। वर्तमान मंदिर 1891 में ओरक्षा की रानी द्वारा बनवाया गया है।कनक भवन अयोध्या में सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है जहाँ की अद्भुत वास्तुकला हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है। Ayodhya आने वाले श्रद्धालु हनुमानगढ़ी, श्रीरामजन्मभूमि के साथ कनक भवन अवश्य जाते हैं।
4. त्रेता के ठाकुर :-
Ayodhya में सरयु नदी के तट पर स्थित त्रेता के ठाकुर एक प्राचीन मंदिरो में से एक है त्रेता के ठाकुर मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, भरत और सुग्रीव सहित कई मूर्तियां हैं। कहा जाता है प्राचीन समय में इन मूर्तियों को एक ही काले बलुआ पत्थर से तराशा गया है l त्रेता के ठाकुर मंदिर के बारे में ये भी कहा जाता है l कि इस जगह पर भगवान राम ने अश्वगंधा यज्ञ किया था। इसलिए इस जगह को पवित्र माना गया और एक मंदिर का निर्माण किया गया है। अगर आप Ayodhya आ रहे है l तो इस पवित्र मंदिर के दर्शन जरूर करें l
5. मोती महल :-
मोती महल, जिसे कई लोग “पर्ल पैलेस” कहते हैं, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है जो Ayodhya में स्थित है और यह फैजाबाद में स्थित है l इस महल का निर्माण 1743 ई में किया गया था जो नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी रानी बेगम उन्मतुजोहरा बानू का घर था।मोती महल मुगल वास्तुकला में एक बेहतरीन नमूना है l आप अयोध्या में धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा ऐतिहासिक जगहों का दीदार भी कर सकते हैं। मोती महल इन्हीं में से एक है l
6. सीता की रसोई मंदिर :-
Ayodhya के राजकोट में स्थित “सीता की रसोई” एक दर्शनीय स्थल है, ये मंदिर राम जन्म भूमि के उत्तरी – पश्चिमी हिस्से में मौजूद है. इस रसोई में बेलन-चकला, चिमटा, और अन्य कई बर्तन सजे हुए हैं, इस मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न और उन सभी की पत्नियों सीता, उर्मिला, मांडवी और सुक्रिर्ति की मूर्तियों से सजा एक विशेष मंदिर है l अगर आप Ayodhya आये है तो सीता की रसोई मंदिर के दर्शन जरूर करें l
7. गुलाब वारी :-
Ayodhya के पास फैजाबाद में स्थित गुलाब बारी एक स्मारक है l जो नवाब शुजा-उद-दौला का मकबरा है। नवाब शुजा-उद-दौला का मकबरा चारो तरफ गुलाब के बाग़ से घिरा हुआ है lयहां लाल, सफ़ेद, गुलाबी, पीले और अन्य रंगों के गुलाब हैं, जिसकी वजह से इसे गुलाब बारी कहा जाता है।गुलाबों को पानी के फव्वारे के पास लगाया गया है। खिलते गुलाब के फूलों पर पड़ती फव्वारे के पानी की बूंदे एक अद्भुत नज़ारे को बिखेरती है l बग़ीचे का वातावरण हमेशा गुलाबों की महक से महकता रहता है,
8.बहु बेगम का मकबरा :-
बहू बेगम का मकबरा अयोध्या शहर में स्थित है l नवाब शूजा-उद-दौला ने अपनी पत्नी उन्मातुज जोहरा बानो की याद में बहू बेगम का मकबरा बनवाया था l इस मकबरे का निर्माण 1816 में बनवाया था l इसे मुग़ल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है l इस मकबरे को हरे भरे बगीचे के साथ सफेद संगमरमर में बनाया गया है l अगर आप अयोध्या आ रहे तो इसे जरूर देखे l
9. तुलसी स्मारक भवन संग्रहालय :-
तुलसी स्मारक भवन अयोध्या के लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में से एक है l तुलसी स्मारक भवन, जो 16 वीं सदी के संत कवि- गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में स्थापित किया गया है, 1969 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल – श्री विश्वनाथ दास द्वारा निर्मित हुआ था। यह स्मारक राजगंज चौराहे पर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास स्थित है और एक विशाल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र के साथ समृद्ध साहित्य का भंडार है।इस अनुसंधान केंद्र का इस्तेमाल अयोध्या की साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जानकारी का अध्ययन करने और जोड़ने के लिए किया जाता है। तुलसी स्मारक भवन में 1988 में एक संग्रहालय भी जोड़ा गया, जिसे ‘राम कथा संग्रहालय’ कहा जाता है, जहां श्री राम के जीवन और समय से संबंधित बहुत बहुत सारे प्राचीन वस्तुओं का संग्रह है। तुलसी स्मारक भवन स्मारक परिसर के भीतर हर दिन शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच रामलीला का प्रदर्शन होता है,यहाँ प्रार्थना, धार्मिक चर्चा, उपदेश, भक्तिगीत, कीर्तन और संगीत का आयोजन किया जाता है l
10.सरयू घाट :-
सरयू नदी के तट पर स्थित प्राचीन घाटों से जुड़ी पौराणिक कथाएं समृद्धि और धार्मिक महत्व को दर्शाती हैं। इन घाटों में से एक घाट ऐसा है जहां भगवान श्रीराम ने सरयू में उतरकर अपनी जल समाधी ली थी, जिसकी कथा आध्यात्मिक महत्वपूर्ण है।सरयू नदी के किनारे 14 प्रमुख घाट हैं, जिनमें गुप्त द्वार घाट, कैकेयी घाट, कौशल्या घाट, पापमोचन घाट, लक्ष्मण घाट या सहस्रधारा घाट, ऋणमोचन घाट, शिवाला घाट, जटाई घाट, अहिल्याबाई घाट, धौरहरा घाट, नया घाट और जानकी घाट शामिल हैं। इन घाटों में समाहित पौराणिक कथाएं स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को अद्भुतता से भरती हैं। सारे घाट बहुत ही खूबसूरत है और रात्रि के नज़ारे और भी ज्यादा खूबसूरत होते है l एक बार आप इन घाटों को जरूर घूमिये l