Van Devi Temple Bihar: वन देवी मंदिर बिहार का बहुत ही खूबसूरत मंदिर है. इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है. जिन्हे वन देवी के रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर से जुडी बहुत सारी पौराणिक कथाएँ और लोक मान्यताएं है. उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में भी एक वन देवी मंदिर है. लेकिन आज मै आपको उत्तर प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के वन देवी के मंदिर के बारे में बताने वाला हूँ…
वन देवी मंदिर: Van Devi Temple :-
Van Devi Temple Bihar: वन देवी मंदिर बिहार के सुपौल जिले से 12 किलोमीटर की दुर सिंघेश्वर मार्ग के नजदीक स्थित बहुत ही खूबसूरत मंदिर है. वन देवी मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है. बिहार में बहुत सारे ऐसे मंदिर भी है. जिनका इतिहास आज भी लोगो के लिये रहस्य बना हुआ है. वन देवी मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है. जिन्हे वन देवी के रूप में पूजा जाता है. वन देवी मंदिर को जंगलो और वन्यजीवन का रक्षक माना जाता है. ऐसा भी मान्यता है की इस मंदिर में मांगी गयी मनोकामना पूरा होता है. इस मंदिर से बहुत सारे पौराणिक कहानियाँ जुडी हुई है. यह मंदिर बिहार नहीं बल्कि पूरे भारत में अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिये जाना जाता है. हर साल भारी मात्रा में श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने के लिये आते है.
वन देवी मंदिर का इतिहास: Van Devi Temple History :-
वन देवी मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है. यह मंदिर बिहार के बहुत ही प्राचीन धार्मिक स्थानों में से एक है. इस मंदिर के निर्माण से जुड़े पौराणिक और धार्मिक मान्यताएं बहुत ज़्यादा प्रचलित है. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने इस मंदिर में पूजा की थी. इस मंदिर को बिहार के वन और जंगलो की देवी के रूप में पूजा जाता है. इसलिए इस मंदिर को वन की देवी कहाँ जाता है.
पौराणिक कथा और मान्यताएँ: Mythology and beliefs :-
वन देवी मंदिर के इतिहास को लेकर बहुत सारे पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ प्रचलित हैं. प्राचीन काल में यह जगह घने जंगलो से घिरा था. पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ के अनुसार वन्य जीवन और प्रकृति की रक्षा के लिये वन देवी इसी स्थान पर प्रकट हुई थी. इसीलिए यहां के स्थानीय लोग यहाँ के देवी वन देवी की पूजा करते हैं. प्राचीन समय में जब राजा और आम आदमी जंगल में जाते थे. जंगल में जाने से पहले वन देवी की पूजा करते थे. ताकि उनकी यात्रा सफल और सुरक्षित हो. वहां के लोग जंगल में किसी भी संकट से बचने और अपनी सुरक्षा के लिये वन देवी की पूजा करते थे.
मंदिर की डिजाइन और वास्तुकला: Temple design and architecture :-
वन देवी मंदिर की डिजाइन और वास्तुकला पूरी तरह भारतीय शैली में डिजाइन किया गया है. इस मंदिर के गर्भगृह में बहुत ही खूबसूरत वन देवी की मूर्ति स्थापित है. जहाँ पर श्रद्धालु पूजा अर्चना करते है. वन देवी मंदिर का परिसर बहुत बड़ा और खुला हुआ है. मंदिर के आसपास एरिया में बहुत सारे छोटे छोटे मंदिर है. जहाँ पर श्रद्धालु देवी कई रूपों का दर्शन करते है.
महाभारत के पांडवों ने की थी इस मंदिर की स्थापना :-
पौराणिक कथाओं और मान्यताओ के अनुसार इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से भी है. अज्ञातवास के दौरान पांडव इसी क्षेत्र से गुजरे थे. तब पांडवों ने इस मंदिर में वन देवी की पूजा करी थी. उस समय जंगल में रहने वाले साधु संत और ऋषि मुनि जंगल में शांति और रक्षा के लिए वन देवी की पूजा किया करते थे. तब से लेकर आज तक उसी स्थान पर देवी वन देवी की नियमित रूप से पूजा और उपासना की जाती है.
वन देवी मंदिर में मांगी गई मनोकामनाएं पूरी होती हैं :-
वन देवी मंदिर बिहार के सुपौल जिले में स्थित है. वन देवी मंदिर को देवी दुर्गा शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर की यह मान्यता है. अगर यहाँ पर कोई भी भक्त सच्चे मन से वन देवी माता से जो कुछ भी मांगता है. उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. इसी वजह से इस मंदिर में सुबह शाम भक्तो की बहुत ज़्यादा भीड़ होती है. वैसे तो पूरे साल हमेशा भीड़ रहती है लेकिन नवरात्री के दिनों और भी बहुत ज़्यादा भीड़ रहती है.
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी की थी यहां पूजा :-
हमारे भारत देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बिहार में स्थित मां वन देवी दुर्गा मंदिर में दर्शन पूजा किये थे. प्रधानमंत्री अपने पहले कार्यकाल में इस मंदिर में आये थे. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस बात की चर्चा अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया में किया था. इस पुस्तक में नेहरू जी वन देवी दुर्गा मंदिर के महत्व और आस्था के बारे में बताया है.
वन देवी मंदिर में नवरात्रि और अन्य त्योहारो का महत्व :-
बिहार के इस वन देवी मंदिर में नवरात्रि और दुर्गा पूजा का बहुत ही महत्त्व रहता है. नवरात्रि के नौ दिनों तक वन देवी की बहुत ही धूमधाम से पूजा पाठ किया जाता है. और यहाँ पर देवी माता का श्रृंगार भी बहुत ही खूबसूरत तरीके से किया जाता है. नवरात्रि के समय बहुत सारे श्रद्धालु देवी माता के दर्शन के लिये यहाँ पर आते है. रामनवमी और विजयदशमी जैसे त्योहारों पर यहाँ पर देवी की बहुत ही खूबसूरत झांकीयाँ निकाली जाती है. और मंदिर में अलग अलग तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है
वन देवी मंदिर कब जाये: Van Devi Mandir Kab Jaye :-
वन देवी मंदिर आप पूरे साल में कभी भी जा सकते है. पूरे साल भर यहाँ पर भक्तो की भीड़ लगी रहती है. नवरात्री के दिनों में यहाँ पर बहुत ही खास पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है.
वन देवी मंदिर कैसे जाये: Van Devi Mandir Kaise Jaye :-
वन देवी मंदिर बिहार के हर एक शहरों से बहुत ही अच्छे तरह से जुड़ा हुआ है. यहाँ का नजदीकी रेलवे स्टेशन पटना है और नजदीकी एयरपोर्ट भी पटना का है. आप पटना, गया और बिहार के अन्य शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा आप वन देवी मंदिर आसानी से पहुंच सकते है.
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