Nepal Famous Forts: नेपाल एक बहुत ही खूबसूरत देश है. नेपाल में बहुत सारे ऐतिहासिक किले है जैसे – गोरखा किला, काठमांडू दरबार स्क्वायर, भक्तापुर दरबार स्क्वायर, पाटन दरबार स्क्वायर और भी बहुत सारे ऐतिहासिक और खूबसूरत किले है. हर साल भारी मात्रा में पर्यटक इस किले को देखने के लिये आते है. तो आइये आज मै आपको बताने वाला हूँ नेपाल के ऐतिहासिक किले के बारे में आप कैसे इस किले को देखने के लिये जा सकते है.
गोरखा किला: Gorkha Fort :-
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Nepal Famous Forts: गोरखा किला नेपाल के गोरखा जिले के एक पहाड़ी कि चोटी पर स्थित बहुत ही खूबसूरत किला है. हर साल बहुत सारे पर्यटक इस किले को देखने के लिये आते है. इस किले के अंदर कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं. जिनमे काली मंदिर,गोरखनाथ मंदिर और भगवान राम का मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है. यहाँ पर हर दिन भक्त दर्शन करने के लिये आते है. यहाँ के गोरखनाथ मंदिर को नेपाल के शाह वंश का संरक्षक भी माना जाता है. इन सब मंदिरो को निर्माण पृथ्वी नारायण शाह के अपने शासनकाल के दौरान कराया था. यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. इस चोटी से पूरे काठमांडू का और आसपास के इलाके का नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है.
गोरखा किला का इतिहास: Gorkha Fort History :-
गोरखा किला नेपाल के गोरखा जिले में स्थित बहुत ही खूबसूरत किला है. और यह किला नेपाल के पहले राजा पृथ्वी नारायण शाह से जुड़ा हुआ है. क्यूंकि इसी किले में पृथ्वी नारायण शाह का जन्म हुआ था. पृथ्वी नारायण शाह के पिता नरभूपाल शाह गोरखा के राजा थे इस किले का निर्माण 16 वीं शताब्दी के आस पास कराया गया था. यह किला शाह वंश के शासकों का मुख्य निवास स्थान भी रहा था. पृथ्वी नारायण शाह ने अपने पिता के साम्राज्य को आगे बढ़ाने का सपना देखा. पृथ्वी नारायण शाह के दृढ़ संकल्प के बल पर ललितपुर, काठमांडू, भक्तापुर और भी कई स्थानों पर विजय प्राप्त की थी. यहाँ किला आज भी नेपाल के इतिहास और संस्कृति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह नेपाल के एकीकरण का प्रतीक है. पृथ्वी नारायण शाह ने इसी किले से नेपाल को एक मजबूत और स्वतंत्र राष्ट्र बनाने का सपना देखा था और इसे अपने शासनकाल के दौरान में ही इसे पूरा किया था.
गोरखा किला जाने का बेस्ट टाइम: Gorkha Fort Best Time :-
गोरखा किला जाने का बेस्ट टाइम मार्च से मई तक का महीना और सितंबर से नवंबर तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है.
गोरखा किला घूमने का टिकट: Gorkha Fort Ticket :-
गोरखा किला घूमने का टिकट नेपाल के लोगो के लिये 100 रुपये है और विदेशी यात्रियों के लिए 500 रुपये है.
गोरखा किला टाइमिंग: Gorkha Fort Timing :-
गोरखा किला सुबह 7:00 बजे से खुलता है और शाम को 6 बजे बंद होता है.
काठमांडू दरबार स्क्वायर: Kathmandu Durbar Square :-
Nepal Famous Forts: काठमांडू दरबार स्क्वायर नेपाल के काठमांडू शहर में स्थित बहुत ही खूबसूरत स्थान है. काठमांडू दरबार स्क्वायर को हनुमान ढोका दरबार के नाम से भी जाना जाता है. काठमांडू दरबार में स्थित काली भैरव की प्रतिमा है जो न्याय का प्रतीक भी मानी जाती है. और तलेजू मंदिर भी है जो मल्ल राजाओं की कुलदेवी का मंदिर है. यह स्थान बहुत ही ज़्यादा धार्मिक महत्व रखता है. काठमांडू दरबार स्क्वायर में हर साल बहुत सारे धार्मिक उस्तव को मनाया जाता है. जिसमे से इंद्रजात्रा, दसैं और कुमारी पूजा को बहुत ही विशेष माना जाता है. हर साल बहुत ज़्यादा पर्यटक इस काठमांडू दरबार स्क्वायर को देखने के लिये आते है. और यह स्थान यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल है.
काठमांडू दरबार स्क्वायर इतिहास: Kathmandu Durbar Square History :-
काठमांडू दरबार स्क्वायर का इतिहास बहुत ही पुराना है. काठमांडू दरबार स्क्वायर को हनुमान ढोका दरबार के नाम से भी जाना जाता है. इस दरबार का नाम यहाँ के मुख्य द्वार पर स्थित हनुमान जी के प्रतिमा के नाम पर रखा गया था हनुमान ढोका दरबार. हनुमान ढोका दरबार का निर्माण मल्ल के राजा महेंद्र मल्ल ने अपने शासनकाल के दौरान कराया था. काठमांडू दरबार स्क्वायर का इतिहास लगभग 10वीं शताब्दी के आस पास का है. काठमांडू को जब मल्ल राजाओं की राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था. तब काठमांडू दरबार स्क्वायर में मल्ल वंश के शासकों ने लगभग 50 से ज़्यादा धार्मिक और ऐतिहासिक इमारतें बनाई थी. जिनमें महल, मंदिर और चौक शामिल हैं. जो नेपाल की संस्कृति और स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना प्रस्तुत करती हैं. मल्ल राजाओं के शासनकाल में दरबार स्क्वायर पर शाही दरबार लगाया जाता था. जहाँ पर बहुत सारे निर्णय लिये जाते थे.
काठमांडू दरबार स्क्वायर कब जाये: Kathmandu Durbar Square Best Time :-
काठमांडू दरबार स्क्वायर जाने का सबसे बेस्ट टाइम सितंबर से नवंबर तक का महीना और मार्च से मई तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है.
काठमांडू दरबार स्क्वायर घूमने का टिकट: Kathmandu Durbar Square Ticket :-
काठमांडू दरबार स्क्वायर घूमने के लिये नेपाल के लोगों के लिए 100 रुपये और विदेशी यात्रियों के लिए 1000 रुपये है.
काठमांडू दरबार स्क्वायर टाइमिंग: Kathmandu Durbar Square Timing :-
काठमांडू दरबार स्क्वायर सुबह 9:00 बजे से खुलता है और शाम को 5:00 बजे बंद हो जाता है.
भक्तापुर दरबार स्क्वायर: Bhaktapur Durbar Square :-
Nepal Famous Forts: मल्ल राजाओं के शासनकाल में भक्तापुर दरबार स्क्वायर को नेपाल की सांस्कृतिक राजधानी भी कहाँ जाता था. वत्सला मंदिर भक्तापुर दरबार स्क्वायर का प्रमुख धार्मिक स्थल रहा था. वत्सला मंदिर देवी वत्सला को समर्पित है. और इस मंदिरो की घंटी को घंटा राजा कहाँ जाता है. जो नेपाल की सबसे बड़ी घंटियों में से एक है. हर साल यहाँ पर बहुत सारे समारोह का आयोजन किया जाता है. यहाँ का जात्रा त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. जो भक्तो के बिच बहुत ज्यादा लोकप्रिय है. हर साल भारी मात्रा में पर्यटक यहाँ घूमने के लिये आते है. यहाँ की पाँचतल्ले मंदिर जो सिद्धलक्ष्मी देवी को समर्पित यह मंदिर भक्तापुर दरबार स्क्वायर की सबसे अनोखी संरचना है. इस मंदिर का निर्माण राजा भूपतिंद्र मल्ल ने करवाया था. पाँचतल्ले मंदिर नेपाल के सबसे ऊँचे मंदिरों में से एक है.
भक्तापुर दरबार स्क्वायर इतिहास: Bhaktapur Durbar Square History :-
भक्तापुर दरबार स्क्वायर किला 12वी शताब्दी के आस पास बना था. इसका निर्माण मल्ल वंश के राजा यक्ष मल्ल अपने शासन काल 1428 से 1482 के दौरान कराया था. यह स्थान नेपाल के धार्मिक और सांस्कृतिक का मुख्य केंद्र भी था. यक्ष मल्ल ने इस शहर को अपनी राजधानी बनाया था. और बहुत सारे मंदिर और महलो का निर्माण भी कराया था. यहाँ पर मल्ल राजाओं के शासनकाल में बहुत सारे अलग अलग धार्मिक उत्सव का आयोजन होता था. इसमें इंद्रजात्रा, दशैं और कुमारी पूजा मुख्य था. इन धार्मिक उत्सव और त्योहारों के दौरान भक्तापुर दरबार स्क्वायर में बहुत बड़ा समारोह का आयोजन होता था. जहाँ शाही परिवार और आम जनता एक साथ मिलकर बहुत ही धूमधाम से पूजा करते थे. यहाँ की संकरी गलियाँ, प्राचीन बाजार, और शाही महल पर्यटकों को नेपाल की इतिहास और संस्कृति को दिखाता है. जो नेपाल की प्राचीन धरोहर है. यहाँ का मल्ल वंश की शाही शान का प्रतीक 55 खिड़कियों वाला महल है इसका निर्माण राजा भूपतिंद्र मल्ल ने अपने शासनकाल के दौरान कराया था.
भक्तापुर दरबार स्क्वायर कब जाये: Bhaktapur Durbar Square Best Time :-
भक्तापुर दरबार स्क्वायर जाने का सबसे अच्छा टाइम है मार्च से मई तक का महीना और सितंबर से नवंबर तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है.
भक्तापुर दरबार स्क्वायर का टिकट: Bhaktapur Durbar Square Ticket :-
भक्तापुर दरबार स्क्वायर जाने का टिकट नेपाल के लोगो के लिये 100 रुपये है और विदेशी यात्रियों के लिये 1500 रुपये है.
भक्तापुर दरबार स्क्वायर टाइमिंग: Bhaktapur Durbar Square Timing :-
भक्तापुर दरबार स्क्वायर सुबह 7:00 बजे खुलता है और शाम को 7:00 बजे बंद हो जाता है.
पाटन दरबार स्क्वायर: Patan Durbar Square :-
Nepal Famous Forts: पाटन दरबार स्क्वायर नेपाल के बहुत ही पुराने शहर पाटन में स्थित है. पाटन दरबार को ललितपुर दरबार स्क्वायर के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर हर साल अलग अलग धार्मिक उत्सव मनाई जाती है. जैसे – दशैं, तिहार, इंद्रजात्रा, कुमारी पूजा और भी बहुत सारे धार्मिक उत्सव मनाए जाते है. इन धार्मिक उस्तव में हिन्दू और बौद्ध दोनों धर्मों के लोग भाग लेते हैं. पाटन दरबार स्क्वायर को नेपाल की कला और संस्कृति का केंद्र माना जाता है. पाटन दरबार स्क्वायर में विभिन्न प्रकार की संरचनाएं बनाई गयी है. जैसे हिरण्यवर्ण महाविहार, कृष्ण मंदिर, पाटन म्यूजियम और भी बहुत सारी संरचनाएं बनाई गई है. पाटन दरबार की सबसे प्रसिद्ध संरचना कृष्ण मंदिर है. और यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है.
पाटन दरबार स्क्वायर इतिहास: Patan Durbar Square History :-
मल्ल राजा सिद्धिनरसिंह वंश के शासनकाल के दौरान पाटन दरबार स्क्वायर का निर्माण किया गया था. राजा सिद्धिनरसिंह मल्ल एक बहुत बड़े कला प्रेमी थे. उन्होंने पाटन दरबार को नेपाल की कला और संस्कृति का केंद्र बनाने निर्णय लिया था. राजा सिद्धिनरसिंह ने अपने शासन काल के दौरान पाटन दरबार में कई मंदिरों, महलों, धार्मिक स्थलों और भी बहुत सारी संरचनाओं का निर्माण कराया था. इन सब में सबसे फेमस संरचनाओं में एक था कृष्ण मंदिर जो पाटन दरबार का सबसे प्रसिद्ध संरचना थी. इस मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में करवाया गया था. हर साल इस कृष्ण मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन किया जाता है. जिसे देखने के लिये बहुत सारे पर्यटक दूर दूर से आते है. पाटन दरबार स्क्वायर में 55 खंडित पैलेस है. जो पाटन दरबार की कला का अद्भुत नमूना है. पाटन दरबाई यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है.
पाटन दरबार स्क्वायर कब जाये: Patan Durbar Square Best Time :-
पाटन दरबार स्क्वायर जाने का सबसे बेस्ट टाइम है सितंबर से नवंबर तक का महीना और मार्च से मई तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है.
पाटन दरबार स्क्वायर टिकट: Patan Durbar Square Ticket :-
पाटन दरबार स्क्वायर का टिकट नेपाल के लोगों के लिए 100 रुपये है और विदेशी यात्रियों के लिऐ 500 रुपये है.
पाटन दरबार स्क्वायर टाइमिंग: Patan Durbar Square Timing :-
पाटन दरबार स्क्वायर सुबह 9:00 बजे खुलता है और शाम को 5:00 बजे बंद हो जाता है.
नुवाकोट दरबार: Nuwakot Durbar :-
Nepal Famous Forts: नुवाकोट का किला नेपाल के काठमांडू घाटी के उत्तर-पश्चिम में स्थित है. नुवाकोट दरबार के अंदर बहुत सारी महत्वपूर्ण संरचनाएं है जैसे – शाही महल, मंदिर, किले की मजबूत दीवारें और भी बहुत सारी खूबसूरत संरचनाएं बनाई गयी है. नुवाकोट दरबार का सबसे प्रसिद्ध मंदिर भगवान भैरव का मंदिर है. जो भगवान भैरव को समर्पित है. इस मंदिर में हर साल दशैं के समय एक पूजा का आयोजन होता है. और इस मंदिर में बलि देने की प्रथा का पालन किया जाता है. जो नेपाल की धार्मिक परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हर साल बहुत सारे पर्यटक यहाँ पर घूमने के लिये आते है. नुवाकोट किले का प्राकृतिक सौंदर्य, खूबसूरती और यहाँ से दिखाई देने वाले दृश्य पर्यटकों का दिल जीत लेता है.
नुवाकोट दरबार इतिहास: Nuwakot Durbar History :-
नुवाकोट दरबार नेपाल के उन किलों में से एक है जो अपनी स्थापत्य कला के साथ साथ राजनीतिक और सैन्य इतिहास का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. इसका निर्माण मल्ल राजाओं द्वारा किया गया था. नुवाकोट दरबार का निर्माण मिट्टी और पत्थरों से किया गया था. लेकिन पृथ्वीनारायण शाह ने इस किले को और मजबूत बनाया और इसे अपने सैन्य अभियानों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण केंद्र बनाया था. नुवाकोट किला से तिब्बत की ओर जाने वाले व्यापारिक मार्गों पर बहुत ज़्यादा नज़र रखी जाती थी. नुवाकोट किले को पृथ्वीनारायण शाह ने काठमांडू पर आक्रमण करने के पहले अपने कब्जे में कर लिया था. नुवाकोट का किला नेपाल के इतिहास के उन संघर्षों को बयान करता है. जो नेपाल को एकीकृत करने के लिए ढ़ेर सारी लड़ाईया लड़ी गयी थी.
नुवाकोट दरबार कब जाये: Nuwakot Durbar Best Time :-
नुवाकोट दरबार जाने का सबसे अच्छा समय है सितंबर से नवंबर तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है.
नुवाकोट दरबार का टिकट: Nuwakot Durbar Ticket :-
नुवाकोट दरबार घूमने जाने का टिकट नेपाल के लोगों के लिए 50 रुपये है और विदेशी यात्रियों के लिय 300 रुपये है.
नुवाकोट दरबार टाइमिंग: Nuwakot Durbar Timing :-
नुवाकोट दरबार सुबह 7:00 बजे खुलता है और शाम को 6:00 बजे बंद हो जाता है.
पाल्पा दरबार: Palpa Durabar :-
Nepal Famous Forts: पाल्पा दरबार नेपाल के पाल्पा जिले में स्थित बहुत ही ऐतिहासिक किला है. इस किले को तानसेन दरबार के नाम से भी जाना जाता है. पाल्पा दरबार की मुख्य विशेषता है. यहाँ का शाही महल जिसे बहुत ही ज़्यादा सुन्दर और आकर्षक तरीके से सजाया गया है. इस शाही महल में बहुत सारे कमरे है. जहाँ पर राजा अपने परिवार के साथ निवास करते थे. इस किले के अंदर उस समय के शासकों द्वारा इस्तेमाल की गई बहुत सारी प्राचीन सामान, शाही वस्त्र, हथियार और भी बहुत सारी चीजें रखी गई है. पाल्पा दरबार की यात्रा आपको एक ऐतिहासिक यात्रा कराती है. यहाँ पर किले के आसपास आपको हस्तशिल्प मार्केट मिल जायेगा जहाँ से आप स्थानीय वस्त्र, गहने, हस्तशिल्प और भी बहुत सारी चीजें आप खरीद सकते हैं.
पाल्पा दरबार का इतिहास: Palpa Durabar History :-
पाल्पा दरबार नेपाल के पाल्पा जिले में स्थित एक बहुत ही ऐतिहासिक किला है. इस किले का निर्माण 19वीं शताब्दी के आस पास उजिर सिंह थापा के द्वारा बनवाया गया था. पाल्पा दरबार तानसेन शहर के सेंटर में में स्थित है. उजिर सिंह थापा उस समय नेपाल के एक प्रमुख शासक थे. पाल्पा दरबार को तानसेन किला के नाम से भी जानते है. तानसेन किला उस समय राजनीतिक और सैन्य दृष्टि से बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण था. क्योंकि इस किले से नेपाल के तराई और पहाड़ी क्षेत्रों पर नजर रखी जाती थी. इस किले का शाही महल किले की प्राचीनता और महत्ता को दर्शाती हैं. पाल्पा दरबार किला यात्रियों को नेपाल के इतिहास, संस्कृति और स्थापत्य कला को जानने का अवसर प्रदान करती है. यह किला नेपाल की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है.
पाल्पा दरबार कब जाये: Palpa Durabar Best Time :-
पाल्पा दरबार जाने का सबसे बेस्ट टाइम है अक्टूबर से फरवरी तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है.
पाल्पा दरबार का टिकट: Palpa Durabar Ticket :-
पाल्पा दरबार घूमने का नेपाल के लोगो के लिये 50 रुपये और विदेशी यात्रियों को घूमने के लिये 300 रुपये है.
पाल्पा दरबार टाइमिंग: Palpa Durbar Timing :-
पाल्पा दरबार सुबह 7:00 बजे से खुलता है और शाम को 5 बजे बंद हो जाता है.
त्रिभुवनगढ़ किला: Tribhuvanguardh Fort :-
Nepal Famous Forts: त्रिभुवनगढ़ किला नेपाल के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित बहुत ही खूबसूरत किला है. त्रिभुवनगढ़ किले के आसपास का क्षेत्र बहुत ही धार्मिक और सांस्कृतिक है. यहाँ के मंदिरों में त्रिभुवनगढ़ मंदिर सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है. जहाँ पर हर साल सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है. इस उस्तव के दौरान यहाँ पर भगवान शिव की पूजा की जाती है. और महाशिवरात्रि और दशैं पर्व के समय यहाँ विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है. उत्सव में बहुत ज़्यादा श्रद्धालु भाग लेते है. त्रिभुवनगढ़ किला एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. त्रिभुवनगढ़ किले की दीवारों से देखने पर हिमालय की चोटियाँ बिल्कुल साफ नजर आती हैं. हर साल भारी मात्रा में पर्यटक इस किले की सुंदरता को देखने के लिये आते है.
त्रिभुवनगढ़ किला इतिहास: Tribhuvanguardh Fort History :-
त्रिभुवनगढ़ किला नेपाल के बाजुरा जिले के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित बहुत ही खूबसूरत किला है. इस किले का निर्माण 19वीं शताब्दी के आस पास नेपाल के राणा शासकों के शासनकाल के दौरान बनाया गया था. त्रिभुवनगढ़ किले का नाम नेपाल के शाही परिवार त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह के नाम पर रखा गया था. त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह जो नेपाल के राष्ट्रपतियों में से एक थे. त्रिभुवनगढ़ किले के अंदर बहुत सारी महत्वपूर्ण संरचनाएँ बनाई गयी है जैसे – शाही महल, सैन्य बैरक, मंदिर और भी बहुत सारी संरचनाएँ बनाई गयी है. और यहाँ पर राणा शासकों के समय के हथियार, उपकरण और सैन्य वस्त्र भी रखे गये है. त्रिभुवनगढ़ किला को राणा वंश के शासक सैन्य अभियान के दौरान सैन्य अड्डे के रूप में उपयोग करते थे. इस किले की मजबूत दीवार उस समय एक बहुत ही महत्वपूर्ण सैन्य किला बनाती थीं.
सिंहगढ़ी किला: Simraungadh Fort :-
Nepal Famous Forts: सिंहगढ़ी किला नेपाल के बारा जिले में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत किला है. इस किले को सिम्रौनगढ़ किला के नाम से भी जाना जाता है. सिंहगढ़ी किले के नजदीक स्थित बहुत ही खूबसूरत कुंडेश्वर महादेव का मंदिर है. जो यहाँ का प्रमुख धार्मिक स्थल है. जहाँ श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करने के लिये आते हैं. सिंहगढ़ी किला नेपाल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों है. सिंहगढ़ी किला पुरातात्विक खुदाई के दौरान बहुत सारे अवशेष मिले थे. जिसमे प्राचीन मंदिरों के अवशेष, शाही महल और भी अन्य संरचनाएँ शामिल थी. हर साल बहुत सारे पर्यटक यहाँ पर घूमने के लिये आते है.
सिंहगढ़ी किला इतिहास: Simraungadh Fort History :-
Nepal Famous Forts: सिंहगढ़ी किला का निर्माण 11वीं शताब्दी के आसपास यहाँ के राजा नन्नुक द्वारा कराया गया था. राजा नन्नुक सिंह वंश के संस्थापक थे. यह किला बिहार की सीमा से सटे नेपाल के बारा जिले में स्थित है. यह किला नेपाल के मध्यकालीन इतिहास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. मिथिला के विद्वानों और कलाकारों का सिंहगढ़ी किला पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा था. सिंहगढ़ी किला 13वीं शताब्दी में मुस्लिमो के आक्रमणों का शिकार बना. दिल्ली के सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक ने 1324 में सिंहगढ़ी पर आक्रमण किया और इसे तबाह कर दिया था. आक्रमण के बाद सिंहगढ़ी किला और सिंह वंश का पतन हो गया और धीरे धीरे इस किले का महत्व कम होता चला गया.