Bhaiya Dooj Famous Temple Rajasthan: राजस्थान में घूमने के लिये बहुत सारे मंदिर है. कुछ मन्दिरे ऐसी है जो बहुत ही पुराना और ऐतिहासिक है. तो आइये आज मै आपको बताने वाला हूँ राजस्थान के तीन बहुत ही पुराने और ऐतिहासिक मंदिरो के बारे में जहाँ पर भाई दूज के दिन लगती है बहुत ही जबरदस्त भीड़…
अचल नाथ मंदिर: Achal Nath Temple :-
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अचल नाथ मंदिर राजस्थान के जोधपुर में स्थित बहुत ही प्रसिद्ध और ऐतिहासिक शिव जी का मंदिर है. यह मंदिर अपनी स्थापत्य कला और धार्मिक महत्व के लिये जाना जाता है. इस मंदिर का निर्माण राजा राव गंगा की रानी नानक देवी ने 1531 ईस्वी में करवाया था. इस मंदिर के दीवारों और स्तंभों पर बहुत ही खूबसूरत नक्काशी की गयी है जो मंदिर के खूबसूरती को बढ़ाता है. अचल नाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है.
अचल नाथ मंदिर की विशेषताएं: Features of Achal Nath Temple :-
अचल नाथ मंदिर की सबसे खास विशेषता इसका जलमंडप है. इस जलमंडप का निर्माण रानी नानक देवी ने मंदिर के साथ ही करवाया था. जलमंडप एक सुन्दर जलाशय है. यहाँ पर भक्त स्नान करके भगवान शिव की पूजा अर्चना करते है. अचल नाथ मंदिर के अंदर का भाग बहुत ही खूबसूरत है. मंदिर परिसर में भगवान शिव के अलावा अन्य देवी- देवताओं की मूर्तियां स्थापित है. मंदिर के गर्भगृह में बहुत ही खूबसूरत शिवलिंग स्थापित है. और चारो तरफ बहुत ही खूबसूरत नक्काशी की गयी है. मंदिर परिसर का वातावरण बहुत ही ज़्यादा शांत रहता है.
धार्मिक महत्व: Religious Significance :-
अचल नाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यहाँ भगवान शिव की पूजा होती है. भाई दूज के अवसर पर यहाँ पर बिशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. बहने अपने भाई के लम्बी उम्र और सुख समृद्धि के लिये यहाँ पर पूजा करती है. भाई दूज के समय यहाँ पर बहुत ज़्यादा भीड़ होती है. भाई दूज के अलावा महाशिवरात्रि और सावन माह के महीने मे यहाँ पर विशेष पुजन का आयोजन किया जाता है. शिवरात्रि और श्रावन मास के समय यहाँ पर भक्तों की बहुत ज़्यादा भीड़ उमड़ती है.
अचल नाथ मंदिर जाने का सबसे बेस्ट टाइम: Best time to visit Achal Nath Temple :-
अचल नाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय यहाँ का मौसम ठंडा और सुवाहना होता है. वैसे तो आप पूरे साल में कभी भी जा सकते है. शिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ पर भक्तो की बहुत ज़्यादा भीड़ रहती है.
अचल नाथ मंदिर कैसे जाये: Achal Nath Mandir Kaise Jaye :-
अचल नाथ मंदिर आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग के जरिये आप आराम से पहुंच सकते है. मै आपको तीनो मार्ग के बारे में बताने वाला हूँ.
रेल मार्ग: Rail Route :-
अचल नाथ मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन है. स्टेशन से अचल नाथ मंदिर की दुरी लगभग 2 किलोमीटर है. आप रेलवे स्टेशन से बस, टैक्सी और कैब लेकर आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते है.
हवाई मार्ग: Flight Route :-
अचल नाथ मंदिर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जोधपुर एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट से अचल नाथ मंदिर की दुरी लगभग 6 किलोमीटर है. आप एयरपोर्ट से बस, टैक्सी और कैब लेकर आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते है.
सड़क मार्ग: Sadak Route :-
जोधपुर राजस्थान के हर एक शहरो बहुत ही अच्छे से जुड़ा हुआ है. आप बस, कैब और प्राइवेट गाडी लेकर आप आसानी से अचल नाथ मंदिर पहुंच सकते है.
बीबी रानी मंदिर: Bibi Rani Temple :-
बीबी रानी का मंदिर राजस्थान के अलवर जिले में स्थित बहुत ही ऐतिहासिक मंदिर है. यह मंदिर महिलाओ और बच्चों में बहुत ज़्यादा फेमस है. इस मंदिर का निर्माण एक स्थानीय रानी ने 19 वीं शताब्दी में करवाया था. रानी ने अपनी पति के याद में और अपनी धार्मिक आस्था में गहरा लगाव होने के कारण इस मंदिर का निर्माण करवाया था. इसलिए इस मंदिर का नाम बीबी रानी रखा गया था. इस मंदिर की वास्तुकला और डिजाईन राजस्थानी शैली में देखने को मिलेगा. जिसे गुलाबी और सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया है. मंदिर की दीवारों पर बहुत ही खूबसूरत नक्काशी और देवी-देवताओं की मूर्तियों को बनाया गया है. जो इस मंदिर के खूबसूरती को बढ़ाता है.
बीबी रानी मंदिर की विशेषताएं: Features of Bibi Rani Temple :-
बीबी रानी मंदिर का गर्भगृह बहुत ही खूबसूरत है. गर्भगृह में माँ दुर्गा की बहुत ही खूबसूरत मूर्ति स्थापित किया गया है. माँ दुर्गा के अलावा भगवान शिव और गणेश जी की मूर्तियाँ भी स्थापित किया गया है. बीबी रानी मंदिर में भक्तों के लिये भंडारे का आयोजन भी होता है. बीबी रानी मंदिर का परिसर बहुत ज़्यादा शांत और सुन्दर है. श्रद्धालु यहाँ पर बैठकर ध्यान और साधना करते है.
धार्मिक महत्व: Religious Significance :-
बीबी रानी का मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है. यहाँ पर माँ दुर्गा की पूजा की जाती है. यह मंदिर महिलाओ के लिये बहुत विशेष महत्व रखती है. इस मंदिर में महिलाये संतान सुख की कामना और परिवार के खुशहाली के लिये माँ दुर्गा की पूजा पाठ करती है. और यहाँ पर यह मान्यता है की सच्चे दिल से मांगी गयी मनोकामनाऐ पूरी भी होती है. नवरात्री और दशहरा के समय यहाँ पर विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है. और भारी मात्रा में श्रद्धालु यहाँ पर दर्शन करने के लिये आते है.
बीबी रानी मंदिर जाने का सबसे बेस्ट टाइम: Best time to visit Bibi Rani Temple :-
बीबी रानी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय यहाँ का मौसम ठंडा और सुवाहना होता है. वैसे तो आप पूरे साल में कभी भी जा सकते है. नवरात्री के समय पर यहाँ पर विशेष पूजन का आयोजन होता है और भक्तो की बहुत ज़्यादा भीड़ रहती है.
बीबी रानी का मंदिर कैसे जाये: Bibi Rani Mandir Kaise Jaye :-
बीबी रानी का मंदिर आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग के जरिये आप आराम से पहुंच सकते है. मै आपको तीनो मार्ग के बारे में बताने वाला हूँ.
रेल मार्ग: Rail Route :-
बीबी रानी मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अलवर रेलवे स्टेशन है. स्टेशन से बीबी रानी मंदिर की दुरी लगभग 10 किलोमीटर है. आप रेलवे स्टेशन से बस, टैक्सी और कैब लेकर आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते है.
हवाई मार्ग: Flight Route :-
बीबी रानी मंदिर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट से बीबी का मंदिर की दुरी लगभग 150 किलोमीटर है. आप एयरपोर्ट से बस, टैक्सी और कैब लेकर आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते है.
सड़क मार्ग: Sadak Route :-
अलवर राजस्थान के हर एक शहरो बहुत ही अच्छे से जुड़ा हुआ है. आप बस, कैब और प्राइवेट गाडी लेकर आप आसानी से बीबी रानी मंदिर पहुंच सकते है.
हर्ष भैरव मंदिर: Harsh Bhairav Temple :-
हर्ष भैरव मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के हर्ष पर्वत पर स्थित बहुत ही खूबसूरत मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इसका इतिहास कई सौ साल पुराना है. यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है यहाँ पर जाने के लिये 2 किलोमीटर की पैदल ट्रैकिंग करनी पड़ती है. मंदिर ऊंचाई पर होने के कारण नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है. जो भक्तों को बहुत ज़्यादा आकर्षित करती है. हर्ष भैरव मंदिर की वस्तुकला और डिजाइन राजस्थानी शैली में है. इस मंदिर की गुम्बद, दीवारों और स्तंभ पर की गयी नक्काशी इस मंदिर को और भी खूबसूरत बनाता है.
हर्ष भैरव मंदिर की विशेषताएं: Features of Harsh Bhairav Temple :-
हर्ष भैरव मंदिर के गर्भगृह में भगवान भैरव की बहुत ही खूबसूरत मूर्ति स्थापित है. मूर्ति के चारो तरफ भगवान भैरव की अलग अलग मुद्राओं में मूर्तियां स्थापित की गयी है. जो बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है. यहाँ पर भक्त भगवान भैरव को दूध, नारियल और मंदिरा चढ़ाते है. हर्ष भैरव मंदिर का परिसर बहुत शांत और सुन्दर वातावरण है. भक्त यहाँ पर बैठकर ध्यान और साधना करते है.
धार्मिक महत्व: Religious Significance :-
हर्ष भैरव मंदिर भगवान भैरव को समर्पित है. यहाँ पर भगवान भैरव की पूजा आराधना की जाती है. भगवान भैरव हिन्दू धर्म के बहुत ही उग्र और शक्तिशाली देवता माने जाते है और इनको न्याय का देवता माना जाता है. यहाँ आने वाले भक्त अपनी मनोकामनाऐ पूरी करने के लिये पूजा पाठ करते है. हर्ष भैरव मंदिर अघोरी साधुओं के लिये बहुत ही खास स्थान है. यहाँ पर बहुत सारे अघोरी भगवान भैरव की तपस्या और साधना में लीन रहते है. इस मंदिर में भैरव अष्टमी और बहुत सारे त्योहारों पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. और यहाँ पर भक्तों की बहुत ज़्यादा भीड़ रहती है.
हर्ष भैरव मंदिर जाने का सबसे बेस्ट टाइम: Best time to visit Harsh Bhairav Temple :-
हर्ष भैरव मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय यहाँ का मौसम ठंडा और सुवाहना होता है. जो ट्रैकिंग करने के लिये अनुकूल होता है. वैसे तो आप पूरे साल में कभी भी जा सकते है. भैरव अष्टमी के समय में यहाँ पर भक्तो की बहुत ज़्यादा भीड़ रहती है.
हर्ष भैरव मंदिर कैसे जाये: Harsh Bhairav Mandir Kaise Jaye :-
हर्ष भैरव मंदिर आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग के जरिये आप आराम से पहुंच सकते है. मै आपको तीनो मार्ग के बारे में बताने वाला हूँ.
रेल मार्ग: Rail Route :-
हर्ष भैरव मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन सीकर रेलवे स्टेशन है. स्टेशन से हर्ष भैरव मंदिर की दुरी लगभग 3 किलोमीटर है. आप रेलवे स्टेशन से बस, टैक्सी और कैब लेकर आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते है.
हवाई मार्ग: Flight Route :-
हर्ष भैरव मंदिर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट से हर्ष भैरव मंदिर की दुरी लगभग 115 किलोमीटर है. आप एयरपोर्ट से बस, टैक्सी और कैब लेकर आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते है.
सड़क मार्ग: Sadak Route :-
सीकर राजस्थान के हर एक शहरो बहुत ही अच्छे से जुड़ा हुआ है. आप बस, कैब और प्राइवेट गाडी लेकर आप आसानी से हर्ष भैरव मंदिर पहुंच सकते है. हर्ष भैरव मंदिर पहुंचने के लिये सीकर से 2 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है.
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